नमस्कार दोस्तों !
मै गव्यसिद्ध सन्नी कुमार आपका स्वागत करता हूँ। आप के अपने चैनल गौ ज्ञान गंगा मे। दोस्तों इस वीडियो में हम महिलाओ के मासिक धर्म तथा सर्वाइकल का घरेलु उपाय के बारे में बताएँगे। इस वीडियो में हमारे स्वास्थ सम्बंधित बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी है। इसलिए इस वीडियो को बिना स्किप किये अंत तक जरूर देखे।मासिक धर्म तथा सर्वाईकल
महिलाओं की मासिक धर्म की अनेक समस्याओं का समाधान राई से हो सकता है। मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द, अधिक रक्त स्त्राव, सफेद पानी आवा आदि समस्याओं का समाधान राई से संभव है।
राई को पाउडर बनाकर एक काँच के जार में भरकर रख लें। हर महीने मासिक धर्म के शुरू होने से पाँच दिन पहले शुरू करके छः दिन तक खाने के बीच में एक जम्मच पाउडर रोज एक बार लें। हर महीने इसी प्रकार लेते रहें। इस आसान उपाय से मासिक धर्म के अनेक कष्टों को दूर किया जा सकता है।
इसी उपाय से आप सर्वाईकल स्पाण्डेलाईटिस का ईलाज भी कर सकते हैं। तीनों समय एक-एक चम्मच राई का चूर्ण भोजन के साथ लें तो चार-पाँच दिन में आप ठीक हो सकते हैं। ध्यान यह रखें कि राई का प्रयोग चार-पाँच दिन से अधिक न किया जाय पर अल्सर या संग्रहणी के रोगी को राई न दें।
हमारी खोज है कि सर्वाईकल स्पाण्डेलाईटिस का मूल कारण गर्दन में रीढ़ की हड्डी में नहीं, अमाशय में है। जब अमाशय में विष पदार्थ इकट्ठे हो जाते हैं तो उनके कारण गर्दन में तनाव, खिचाव तथा विकृतियाँ होने लगती हैं। राई खाने से अमाशय के विष निकल जाते हैं और गर्दन का कष्ट दूर हो जाता है। यह होगी कि राई जेनेटिकली मोडिफाईड न हो। यह भी ध्यान रखना होगा की राई जेनेटिकली मोडिफाइड न हो।
गर्मियों के लिये चाय या क्वाथ
बला, खस, बेल गिरी, जीरा, धनिया, पुदीना, नागरमोथा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, जयमांसी, आज्ञा घास, या लेमन ग्रास, गुलाब व गेंदा पुष्प, सहजन पत्र सभी 50-50 ग्राम मिलाकर पीस लें तथा काँच के जार में रखें पकाकर पियें, दूध न डालें। यदि दूध डालना हो तो पुदीना न डालें। सर्दियों के मौसम में लॉग दालचीनी और मोटी इलायची भी 20-20 ग्राम डालें, खस ना डालें।
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